सांसद सुरक्षा में किया जाएगा बदलाव अब सुरक्षा की जगह लगी CIFS
संसद में हुई चुप के मामले में राजनीति से लेकर सड़क तक हंगामा मचा हुआ है| इस घटना को लेकर संसद में भी इस पर काफी हंगामा होते हुए देखा और एक के बाद एक सांसदों को सस्पेंड किया गया | लेकिन सवाल यह है कि आखिर संसद की सुरक्षा में चक कैसे हुई |इसी बात को ध्यान में रखते हुए सांसद सुरक्षा में किया जाएगा बदलाव अब सुरक्षा की जगह लगी CIFS |
सांसद सुरक्षा में किए जाएगा बदलाव :-
तो वहीं अब संसद की सुरक्षा में बड़ा बदलाव किया गया है केंद्रीय मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी कि (CIFS) को सौंप गई है | अभी तक दिल्ली पुलिस के जवान संसद की सुरक्षा को संभाल रहे थे | जानकारी के मुताबिक संसद सुरक्षा में हुई चूक पर पर कारवाई करवाया गया |इसके बाद से संसद की सुरक्षा को लेकर बड़ा फेर बदल हुआ है |
CIFS करेगी सुरक्षा :-
केंद्र की मोदी सरकार ने संसद भवन की सुरक्षा (CIFS) को दे दी है | सूत्रों ने जानकारी दी है | जिसके मुताबिक केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी (CIFS) को सुरक्षा व्यवस्था का सर्वे करने का पत्र मिला है अब वह जल्दी सुरक्षा संभालते हुए दिखाई देगी | CIFS को विश्लेषण करके एक रिपोर्ट सौंपने के लिए भी कहा गया है | सरकार ने संसद भवन की सुरक्षा की की अनुमति दी है | एक बार CIFS को अनुमति मिल जाएगी तो फिर प्रवेश करने वाले प्रत्येक नागरिक चाहे वह सांसद हो | याआम नागरिक सभी की तलाशी ली जाएगी |यानी कि CIFS के पास तलाशी समेत संबंधित जिम्मेदारियां भी वही संभालेंगे | हालांकि संसद परिसर के अंदर सुरक्षा की जिम्मेदारी लोकसभा सचिवालय की ही होगी |
CIFS क्या करती है :-
बता दें कि CIFS, CRPF का हिस्सा है | जो न्यूक्लियर और एयरोस्पेस गवर्नमेंट के अंतर्गत आने वाले प्रतिष्ठानों सिविलियन एयरपोर्ट और दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा का काम करती है | और इसके साथ ही दिल्ली में कई केंद्रीय मंत्रालयों के भवन की सुरक्षा की जिम्मेदारी CIFS को ही दी गई है | इस तरह सरकार के फैसले के बाद अब CIFS के पास देश की सबसे सुरक्षित माने जाने वाली इमारत की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी आ गई है | तो संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी लोकसभा के पास होती है |
लोकसभा सुरक्षा की आंतरिक व्यवस्था को संभालती है दोनों सदनों यानी राज्यसभा और लोकसभा के अपने सुरक्षाकर्मी होते हैं | जिन्हें पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस यानी कि PSS के तौर पर जाना जाता है | इस सर्विस का काम कुल मिलाकर पूरी सुरक्षा व्यवस्था करना होता है | यह सर्विस तब ज्यादा एक्टिव होती है जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता और सदन में आवा जाहि बंद होती है |
संसद में आरोपियों का घुसपैठ :-
13 दिसंबर को संसद पर हमले की सोच लेकर दो लोग सदन में घुस आए थे | जो नारेबाजी करते हुए और फिर अपने शूज से स्मोक कैन निकालकर उन्होंने धुआं धुआं कर दिया | जिसे सदन में पीले रंग का दुआ हो गया और मौजूद सांसदों ने नहीं उन्हें पकड़ लिया | तो वहीं उनके दो साथियों ने संसद के बाहर नारीबाजी करते हुए चारों तरफ स्मोक कैन से धुआं धुआं कर दिया | मकई वारदात पर पुलिस ने चारों आरोपियों को पकड़ लिया | उसके पश्चात चारों आरोपियों को बृहस्पतिवार को कोर्ट में पेश किया गया | आरोपियों के 7 दिन की पुलिस हिरासत जो थी वह अब समाप्त हो गई है |
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