UGC ने विदेशी विश्वविद्यालय के साथ हाथ क्यों मिलाया ?
शनिवार को अधिकारियों ने बताया की, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) विदेशी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर सभी ऑनलाइन degree और diploma पाठ्यक्रम पेश करने वाले EdTech companies के खिलाफ कार्रवाई करेगी
UGC द्वारा जारी की गई नोटिस के अनुसार, कोई भी विदेशी उच्च शिक्षा संस्थान आयोग की पूर्व मंजूरी के बिना भारत में कोई भी कार्यक्रम पेश नहीं किया जाएगा।
ऐसा तब हुआ है जब सितंबर में दिल्ली उच्च न्यायालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को unspecified degree प्रदान करने वाले विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने और इस मुद्दे पर दंड प्रावधानों सहित कानून का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
12 दिसंबर को UGC द्वार निकले गए नोटिस में पाया गया की कुछ edtech कंपनियां कुछ विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ मिलकर Online mode में Degree और Diploma कार्यक्रमों की पेशकश करने वाले विज्ञापन दे रही हैं।
UGC ने कहा कि ऐसे किसी भी कार्यक्रम या डिग्री को मान्यता नहीं देता।और अधिकारियों ने भी UGC को ध्यान में राखते हुवे कहा कि ऐसी फ्रेंचाइजी व्यवस्था की अनुमति नहीं है |
नोटिस में उल्लेख किया गया है, “सभी defaulting करने वाली EdTech companies के साथ-साथ HEls के खिलाफ भी लागू कायदा कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।”
नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया है कि कई उच्च-शिक्षा संस्थानों (HEIs) और कॉलेजों ने आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं होने वाले विदेशी-आधारित शैक्षणिक संस्थानों और प्रस्ताव के साथ सहयोगात्मक समझौते और व्यवस्थाएं की हैं और उन संस्थानों में नामांकित छात्रों को डिग्री जारी करने की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
नोटिस के अनुसार, यह कहा गया है कि इस प्रकृति की किसी भी प्रकार की सहायता या व्यवस्था विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मान्यता प्राप्त या अनुमोदित नहीं है।नतिजा, ऐसी सहायता और व्यवस्था के बाद जारी की गई कोई भी डिग्री यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है।